यूपीः पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति समेत 3 को उम्र कैद, महिला ने लगाया था रेप का आरोप, दोषियों पर दो लाख का जुर्माना भी

जिस समय फैसला सुनाया गया, उस समय प्रजापति और 2 अन्य दोषी अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला अदालत में मौजूद थे।

यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति समेत 3 लोगों को एक महिला से बलात्कार के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। शुक्रवार को लखनऊ की एक विशेष अदालत ने ये फैसला सुनाया। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

जिस समय फैसला सुनाया गया, उस समय प्रजापति और 2 अन्य दोषी अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला अदालत में मौजूद थे।

यूपी में अखिलेश यादव की सरकार में अहम भूमिका में रहे गायत्री प्रजापति और उसके साथियों को न्यायाधीश पी के राय ने बुधवार को एक महिला से बलात्कार करने और उसकी नाबालिग बेटी से बलात्कार की कोशिश करने का दोषी ठहराया था।

हालांकि, अदालत ने सबूतों के अभाव में चार अन्य लोगों विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह उर्फ ​​पिंटू और चंद्रपाल को बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष ने मामले में 17 गवाह पेश किए थे।

अदालत ने तीनों को दोषी ठहराते हुए लखनऊ के पुलिस आयुक्त को उन परिस्थितियों का पता लगाने का भी निर्देश दिया गया है, जिनमें बलात्कार पीड़िता और दो अन्य गवाहों ने मुकदमे के दौरान बार-बार अपने बयान बदले।

बता दें कि प्रजापति के पास अखिलेश यादव कैबिनेट में परिवहन और खनन विभाग थे और उन्हें मार्च 2017 में गिरफ्तार किया गया था।

उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर गौतमपल्ली पुलिस स्टेशन में मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से पूर्व मंत्री जेल में हैं।

पीड़ित महिला ने दावा किया था कि मंत्री और उसके साथी अक्टूबर 2014 से उसके साथ बलात्कार कर रहे हैं लेकिन जब जुलाई 2016 में उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ और बलात्कार की कोशिश की गई, तब उसने इन लोगों के खिलाफ शिकायत करने का फैसला किया।

बता दें कि गायत्री प्रजापति पर इस संगीन मामले के अलावा खनन घोटाले के भी आरोप लगे, इसी के बाद समाजवादी पार्टी ने उन्हें पद से हटा दिया था। हालांकि सितम्बर 2016 में जब उन्हें दोबारा कैबिनेट में शामिल किया तो उन्होंने सबके सामने मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के पैर छुए थे। ऐसा करने पर विरोधी पार्टियों ने कई सवाल भी उठाए थे।

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