29वाॅं उद्भव सांस्कृतिक सम्मान एवं पुस्तक लोकार्पण समारोह संपन्न हुआ, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के.जी.बालकृष्णन एवं विश्व हिन्दू परिषद् के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार जैसी बड़ी हस्तियों ने शिरकत की
राजू बोहरा / विशेष संवाददाता, लाइव न्यूज़ दिल्ली
नई दिल्ली 20 नवंबर 2024,देश की प्रतिष्ठित सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था “उद्भव” द्वारा नयी दिल्ली के त्रिवेणी सभागार में आयोजित उद्भव सांस्कृतिक सम्मान एवं पुस्तक लोकार्पण समारोह में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के.जी.बालकृष्णन, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं विश्व हिन्दू परिषद् के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय, अमेरिका से वरिष्ठ हिंदी सेवी इंद्रजीत शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद् डॉ.अरुण प्रकाश ढौंडियाल, शिक्षाविद् एवं लेखक डॉ.अशोक पांडेय ने सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अभिनव रघुवंशी(ए.ओ.आर.)की कृति “क्लासरूम टू कोर्ट रूम का” लोकार्पण किया।
इस अवसर पर उद्भव सम्मानों की श्रृंखला में हंसराज कॉलेज, दिल्ली की प्राचार्या शिक्षाविद् प्रोफ़ेसर रमा, महाराजा अग्रसेन कॉलेज,दिल्ली के प्राचार्य प्रोफ़ेसर संजीव कुमार तिवारी, तथा वरिष्ठ व्यंग्यकार सुभाष चंदर को “उद्भव शिखर सम्मान” से अलंकृत किया गया।
इसी क्रम में उद्भव सांस्कृतिक सम्मान-2024 से अलंकृत होने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में रोहतकपी.जी.आई. की स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर डॉ. पुष्पा दहिया, हे.नं बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्याल,श्रीनगर की सोशियोलॉजी एवं समाजकार्य विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर डॉ.किरण डंगवाल, लंदन आर्गेनाइजे़शन ऑफ़ स्किल डेवलपमेंट की निदेशक एवं सीईओ प्रोफ़ेसर डॉ. परिन सोमानी, दिल्ली सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग के विशेष सचिव डॉ. श्रवण बागड़िया, कैलाश दीपक हॉस्पिटल दिल्ली में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष गर्ग, निर्माता निर्देशक एवं आर्ट क्रिएशंस कल्चर सोसायटी दिल्ली के अध्यक्ष नरेश बैसला, प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल दिल्ली के विभागाध्यक्ष डॉ. निशांत जैमिनी, अधिवक्ता एवं समाजसेवी शिव प्रसाद जायसवाल तथा शिक्षाविद्-कवि अवधेश तिवारी प्रमुख थे।
इस महत्वपूर्ण वैचारिक एवं सांस्कृतिक आयोजन का संचालन “उद्भव” के महासचिव-कवि डॉ. विवेक गौतम ने किया। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि आलोक कुमार ने कहा कि सार्थक कार्यों और सम्मानों का गहरा अंतर्संबंध है। मनुष्यता को श्रेष्ठ आचरण, साहित्य और सांस्कृतिक चेतना से ही बचाया जा सकता है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में न्यायमूर्ति के.जी.बालकृष्णन ने कहा कि व्यक्ति का मूल्यांकन अपने कार्य क्षेत्र, निजी जीवन तथा मानवीय मूल्यों के आधार पर होता है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ. अशोक पांडेय, डॉ.अरुण प्रकाश ढौंडियाल, प्रदीप राय, अमेरिका से पधारे इंद्रजीत शर्मा, लोकार्पित किताब के लेखक अभिनव रघुवंशी तथा डॉ.रमा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया जाने-माने प्रकाशक विक्रम द्विवेदी ने।
इस सम्मान समारोह के साक्षी के रूप में देश के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे जिनमें वरिष्ठ अधिवक्ता, पब्लिक पुलिस के संस्थापक राकेश, दिल्ली बार काउंसिल के सदस्य डी.के.सिंह, डॉ.मनीष सिंघवी, एम्स दिल्ली के प्रोफ़ेसर जे.बी.शर्मा, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमचंद्र भट्ट, लेखिका डॉ. वीणा मित्तल, अभिनेत्री एवं कवयित्री कुसुम चौहान, सी.ए.अनिल गुप्ता,पूर्व मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ओम सपरा, चित्रकार सीमा गुप्ता, अधिवक्ता गगन भारद्वाज लेखक सुबोध कुमार, भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता नरेश कुमार, लेखिका आभा चौधरी, इंजीनियर अनंत प्रचेता, एकता गौतम,रामचंद्र बडोनी, राजेंद्र पारचा, बृजबाला गौतम, शिक्षक नेता राजेंद्र गोयल, समाजसेवी ओमप्रकाश गुगरवाल, प्रवक्ता अंग्रेज़ी नंद किशोर शर्मा, अशोक त्रिपाठी, पत्रकार विरेन्द्र सैनी, राजू बोहरा, मदन पाल, दिनेश उप्रेती तथा अधिवक्ता अपूर्व श्रीवास्तव और अनिका गौतम प्रमुख थे।