परिवहन क्षेत्र के लिए नया साल रहेगा खास, बेड़े में शामिल होंगी 2000 और ई-बसें

वर्ष 2023 परिवहन क्षेत्र के लिए खास होगा,

दिल्ली जल्द ही इलेक्ट्रिक बसों का हब बनने जा रही है। वर्ष 2023 परिवहन क्षेत्र के लिए खास होगा, क्योंकि साल के अंत तक सड़कों पर करीब 2000 नई ई-बसें दौड़ने लगेंगी। इससे यात्रियों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बगैर शोर चलने वाली बसों में सफर का मौका मिलेगा।

ई-बसों का बेड़ा 2024 तक बढ़कर 4000 से अधिक हो जाएगा। इस दिशा में लगातार बढ़ते कदम को देखते हुए वायु प्रदूषण में भी कमी के साथ ही दिल्ली के पर्यावरण की सेहत में भी सुधार की संभावना जताई जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण के लिहाज से दिल्ली सरकार ने जनवरी में ट्रायल के तौर पर पहली ई-बस सेवा की शुरुआत सर्कुलर रूट पर की थी। बगैर शोर और धुएं के चलने वाली बसों से दिल्ली वासियों को बड़ी राहत मिली है। 

हालांकि अभी भी यात्रियों के मुताबिक बसों की संख्या कम होने की वजह से सफर करने वालों को दिक्कतें पेश आ रही हैं। ट्रायल की सफलता के बाद कई चरणों में 250 बसें अलग-अलग रूटों पर चलाई गईं। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बेड़े में साल के अंत तक करीब 2000 इलेक्ट्रिक बसें हो जाएंगी। 

डीटीसी की प्रबंध निदेशक शिल्पा शिंदे ने बताया कि अगले साल दिसंबर तक 1500 नई एसी इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। इसके लिए कंपनी टाटा मोटर्स एसी लो फ्लोर इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति, परिचालन और 12 वर्षों के लिए रखरखाव का जिम्मा संभालेगी। 50 नई बसें उतरने के बाद ई बसों की संख्या बढ़कर 300 हो जाएगी। दिल्ली सरकार ने हाल ही में 3980 और इलेक्ट्रिक एसी बसों के लिए टेंडर जारी किया है। इसके तहत डीटीसी और क्लस्टर के बेड़े में बसें शामिल की जाएंगी। प्रबंध निदेशक का कहना है कि पर्यावरण अनुकूल बसों के परिचालन से लाखों दिल्ली वासियों को राहत मिलेगी। इससे प्रदूषण से भी काफी राहत मिलेगी।

दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बोर्ड पहले ही फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल (एफएएमई-2) श्रेणी के तहत कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीएसईएल) की ग्रैंड चैलेंज स्कीम के तहत    बसों की खरीद के लिए मंजूरी दे चुकी है। इन बसों के लिए दिल्ली सरकार इन पर सब्सिडी देगी, जबकि बसों के संचालन, रखरखाव और बुनियादी सुविधाओं के विकास पर 7000 करोड़ रुपये से अधिक के खर्च का अनुमान है।
चार्जिंग के लिए कम होगा इंतजार
बसों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए अलग-अलग डिपो में चार्जिंग की बुनियादी सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। फिलहाल इंद्रप्रस्थ डिपो, मुंडला कलां और रोहिणी के सेक्टर-37 डिपो से बसों का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए सभी डिपो में ई-चार्जिंग की सुविधा के बाद नई बसों के लिए भी डीटीसी और क्लस्टर डिपो चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग की सुविधाएं मुहैया की जा रही हैं। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने हाल में हुई बैठक में चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया था। इलेक्ट्रिक वाहनों की राजधानी बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम भी तेजी से चल रहा। क्योंकि साल के अंत तक सड़कों पर करीब 2000 नई ई-बसें दौड़ने लगेंगी। इससे यात्रियों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बगैर शोर चलने वाली बसों में सफर का मौका मिलेगा।

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