भारत में इलेक्ट्रिक कार के इंपोर्ट के आड़े आ रहा टैक्स? टेस्ला ने पीएम मोदी से लगाई मदद की गुहार

NEW DELHI : ऐसा नहीं है कि टेस्ला ने यह पहली बार आग्रह किया है। कंपनी की ओर से इसी साल जुलाई में भी टैक्स कम करने का अनुरोध किया गया था, लेकिन घरेलू कंपनियां इस पर आपत्ति जता रही थीं। घरेलू कंपनियों का मानना है कि इस तरह के कदम से घरेलू विनिर्माण में निवेश बाधित होगा।

भारत में कार खरीदने का शौक रखने वालों को टेस्ला के इलेक्ट्रिक वाहनों का इंतजार है। भारत में इसकी चाहत रखने वालों की संख्या काफी है। सरकार भी चाहती है कि टेस्ला कंपनी भारत में आकर अपने वाहन बनाए और बेचे, लेकिन जल्द से जल्द भारतीय बाजार में प्रवेश करने को उत्सुक टेस्ला कंपनी चाहती है कि सरकार आयात करों में कटौती करे। हालांकि भारतीय वाहन निर्माता सरकार पर ऐसा नहीं करने का दबाव डाल रही हैं। उनका कहना है कि ऐसा करने से घरेलू विनिर्माण में बाधा आएगी। टेस्ला अमेरिका के अरबपति एलन मस्क की कंपनी है।

दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला इंक की ओर से प्रधान मंत्री कार्यालय से इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात करों को कम करने का आग्रह किया गया है। जबकि घरेलू कार कंपनियां टेस्ला को टैक्स में किसी तरह की छूट का खुलकर विरोध कर रही हैं। टेस्ला कंपनी का कहना है कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स वसूलता है। इसकी वजह से कंपनी को भारत में व्यापार शुरू करने में दिक्कत आ रही है।

ऐसा नहीं है कि टेस्ला ने यह पहली बार आग्रह किया है। कंपनी की ओर से इसी साल जुलाई में भी टैक्स कम करने का अनुरोध किया गया था, लेकिन घरेलू कंपनियां इस पर आपत्ति जता रही थीं। घरेलू कंपनियों का मानना है कि इस तरह के कदम से घरेलू विनिर्माण में निवेश बाधित होगा।

सरकार ने जुलाई में टेस्ला से घरेलू खरीदारी और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े प्लान की जानकारी मांगी थी। उस वक्त टेस्ला की भारी उद्योग मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच एक बैठक हुई थी। बैठक में मंत्रालय ने टेस्ला से यह जानकारी मांगी थी। साथ ही दोनों मंत्रालयों ने टेस्ला से पूरी तरह से तैयार और आंशिक रूप से तैयार कारों के आयात को लेकर अपने विचार देने को कहा था। आंशिक रूप से तैयार कारों पर कम टैक्स लगता है।

Related Articles

Back to top button