मेघदूत साहित्यिक संस्था का तृतीय अधिवेशन धूमधान से संपन्न हुआ

Raju Bohra / Special Correspondent, Live News Delhi
मेघदूत-महाकवि कालिदास जी की बहुचर्चित कृति है जिसमें मेघ को दूत बनाकर प्रेमी, संदेश भेजता है। उसी नाम और लगभग वही प्रक्रिया अपनाते हुए श्री रमेशचन्द्र विनोदी जी द्वारा संस्थापित और संचालित मेघदूत साहित्यिक संस्था साहित्य के प्रति लालायित नवांकुरों को साहित्य प्रशिक्षण का संदेश भेजने का काम कर रहा है। इस प्रशिक्षण टीम में आचार्य गणों में- श्री महेश बिसोरिया जी, जनाब अबरार अंसारी, अमिता अग्रवाल, करुणा अथैया, शिखा बाहेती अमृत पूरे मन से अपना दायित्व निभाते हुए भावी कालिदास, तुलसीदास, महादेवी वर्मा, पंडित राहुल सांकृतायन जैसे विद्वानों की नर्सरी तैयार कर रहे है।
प्रतिवर्ष कुछ प्रतियोगिताओं को आयोजित करके, उन पर नवांकुरों को कसा जाता है और अंत में एक निर्णायक-दल द्वारा उनका कठोर परीक्षण करके क्रमानुसार विजेता घोषित किया जाता है। इन विजेताओं और प्रतिभागियों को सम्मानित और पुरस्कृत करने के लिए हर वर्ष विशाल और भव्य आयोजन किया जाता है। इस बार भी इनका आयोजन मेघ-मल्हार-3 के नाम से इन्दौर प्रेस क्लब में दि, 23 अगस्त 2025 को सम्पन्न हुया। सुस्वादिष्ट अल्पाहार के उपरान्त लगभग 10 बजे प्रातः कार्यक्रम शुरू हुआ।
आयोजन प्रारम्भ करने के लिए सभागार में प्रवेश करते समय सभी अतिथियों और सदस्यों के माथे पर शुभ तिलक का रोचन कर रही थीं- श्रीमती प्रतिष्ठा प्रीत जी। इस आयोजन के मुख्य अतिथि, इन्दौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री अरविंद तिवारी जी अपना आशीर्वाद देने हेतु पधारे। अतिथियों में वुमन आफ-द-ईयर विदुषी सुषमा दुबे जी, श्री मुकेश तिवारी जी, डाॅ, सोनाली सिंह नरगुंदे, प्रसिद्ध गीतकार श्री ओम प्रकाश यादव, दिल्ली से पधारे श्री अरुण त्रिवेदी अनुपम, श्रीमती प्रवीण त्रिवेदी तथा लखनऊ से श्री अमरनाथ उपस्थित थे।
प्रतिभागियों, व्यवस्था और निर्णायक मंडल से- सर्वश्री- प्रकाश कुमार, काजू निषाद, सुनीता कोगटा जागेतिया, रमा प्रवीर वर्मा,मधु धीमान, रमात्यागी एकाकी,राजीव मिश्रा, श्रीमती कविता अग्रवाल, प्रतिष्ठा प्रीत, एकता कोचर रेलन, अरुण कुमार ‘अरुण’, प्रिया अवस्थी शर्मा, वैशाली गोयल, अयाज खान, दिवाकर चौबे,अमिता गुप्ता, राजेश्वर वशिष्ठ, महेश बिसोरिया, संजीव शुक्ल सचिन, अबरार अंसारी, महेश शर्मा शर्मन, शिखा बाहेती अमृत, करुणा अथैया,गोपाल जिगर, योगी रमेश कुमार, शोभित गुप्ता आदि उपस्थित थे।

श्री गोपाल जिगर जी के कुशल आयोजन में कार्यक्रम के संचालन का दायित्व सम्हाला मेघदूत साहित्यिक संस्था की लाइफ लाइन श्रीमती रीना धीमन जी ने। दीप प्रज्ज्वलन के समय श्रीमती रीना धीमन जी द्वारा श्रीमती अमिता अग्रवाल जी द्वारा रचित सरस्वती वंदना- का सस्वर गायन किया गया। “प्रथम गणपति की जयकार। द्वितीय शारदे माँ मनुहार।”
सरस्वती वंदना के पश्चात मुख्य कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ।
सभी अतिथियों का स्वागत और विधिवत सम्मान करने के पश्चात जनाब अबरार अंसारी जी के संचालन में सभी उपस्थित प्रतिभागियों ने सुमधुर काव्यपाठ किया।पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूँजने लगा। उसके बाद पुस्तक विमोचन कार्यक्रम हुआ। सबसे पहले श्रीमती शिखा बाहेती जी की पुस्तक-‘विविध रंग जीवन के’ का विमोचन किया गया। प्रति वर्ष की भांँति इस बार भी मेघदूत साहित्यिक संस्था द्वारा प्रकाशित पत्रिका, ‘काव्य- सुरभि’ का विमोचन किया गया। इस पत्रिका का कुशल संपादन श्रीमती रीना धीमन जी तथा मुद्रण, श्री शोभित गुप्ता जी के मुद्रणालय- अशोशीला- रामपुर द्वारा किया गया है।
फिर करुणा अथैया जी की दो पुस्तकें- “नीराजना” तथा “मन अर्णव के सीपज” का विमोचन हुआ । फिर श्री अमरनाथ द्वारा पर्यायवाची शब्दों पर रचित पुस्तक ‘पर्याय’ का विमोचन हुआ । श्री गोपाल जिगर जी के दोहा संग्रह-“गुरु महिमा सुधा” का तथा अंत में श्रीमती वैशाली गोयल की पुस्तक -जीवन की अपेक्षाएँ- का विमोचन किया गया।बीच-बीच में सदस्यों का काव्य-पाठ भी चलता रहा। मध्याह्न भोजनोपरान्त सभी प्रतिभागियों को सम्मानित और पुरस्कृत किया गया।
श्रीमती सुनीता कोगटा जागेतिया जी को सर्वश्रेष्ठ रचनाकार के रूप मे “काव्य कुमुद” पुरस्कार का प्रतीक चिह्न देकर और शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया। श्रीमती जागेतिया जी ने सर्वाधिक पुरस्कार जीतकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। उन्होंने ग़ज़ल, मुक्त छंद, संस्मरण, तथा लिखित प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा छंद बद्ध लेखन में द्वितीय और अपने ग्रुप कानन को भी सर्वश्रेष्ठ स्थान पर पहुँचाया। उन्नाव की अमिता गुप्ता जी ने इस छोटी सी आयु में ही अनेक पुरस्कार जीत कर सभी को अचम्भित कर दिया।। सभी उपस्थित व्यक्तियों का सामूहिक फोटो लिया गया ताकि अविस्मरणीय याद बनी रहे। अंत में राष्ट्रगान के पश्चात कार्यक्रम का समापन हुआ ।




