मोदी जी ने कहा था न खाऊंगा, न खाने दूंगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं; राजदीप सरदेसाई के सवाल पर ये था सत्यपाल मलिक का जवाब
NEW DELHI : वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक से सवाल किया, ‘मोदी जी ने कहा था न खाऊंगा, न खाने दूंगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।’ इसके जवाब में उन्होंने कुछ ऐसा कहा।
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने हाल ही में गोवा सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए थे। इंटरव्यू के दौरान वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने जब उनसे इसको लेकर पूछा तो उन्होंने कहा, जो लोग ED या IT से डरते हैं उन्हें सच बोलने में परेशानी होती है। गोवा सरकार ने जो भी किया उसमें भ्रष्टाचार था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार के सख्त खिलाफ हैं। लेकिन गोवा के मामले पर उन्होंने जिन लोगों से पूछा वो खुद भ्रष्टाचार में लिप्त थे। यही वजह है कि मुझे राज्यपाल के पद से हटाया गया था।
सत्यपाल मलिक के इन आरोपों के बाद राजदीप सरदेसाई उनसे सवाल करते हैं, ‘आप बहुत गंभीर आरोप लगा रहे हैं। आपने कहा कि राजनीति अब कारोबार से भी आगे हो गई है। यानी पूरी तरह इसमें भ्रष्टाचार हो गया है। मोदी जी ने कहा था- न खाऊंगा, न खाने दूंगा। जिस हिसाब से आप कह रहे हैं उससे तो लगता है कि ये हुआ ही नहीं है।’ इसके जवाब में सत्यपाल मलिक ने कहा था, ‘मुझे अभी भी मोदी जी से बहुत उम्मीदें हैं कि वो किसी न किसी जगह तो एक्शन लेंगे। बस उन्हें सच्चाई पता लगने की देरी है।’
राजनीति पर क्या बोले सत्यपाल मलिक: सत्यपाल मलिक आगे कहते हैं, ‘मैं इस बात से तो सहमत हूं कि अभी तक तो ऐसा नहीं हुआ है कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा। लेकिन मुझे लगता है कि किसी स्टेज पर वो जरूर ऐसा करेंगे। उनसे मुझे और पूरे देश को उम्मीद है। ऐसा समय खुद ही आता है जब ये सब चीजें खत्म हो जाती हैं। क्योंकि मेरा मानना है कि हर चीज का अंत तो जरूर होता है। लेकिन अब तो राजनीति ऐसी हो गई है जो करने लायक भी नहीं बची है। पहले राजनीति करने का एक उद्देश्य हुआ करता था, लेकिन अब ऐसे सभी उद्देश्य खत्म हो गए हैं।’
अंबानी और RSS पर लगाए थे आरोप: हाल ही में राजस्थान के झुंझुनू में सत्यपाल मलिक ने कहा था, ‘जब मैं जम्मू एवं कश्मीर का राज्यपाल था तो मुझे फाइल पास करने के बाद 300 करोड़ रुपए घूस देने का ऑफर आया था। इसमें अंबानी और आरएसएस के एक सदस्य की फाइलें मेरे पास आई थीं।’ हालांकि बाद में अपने बयान पर माफी मांगते हुए उन्होंने कहा था, ‘मुझे आरएसएस का नाम इसमें नहीं लेना चाहिए था। क्योंकि इससे आरएसएस का कोई मतलब नहीं है। मैं अपने बयान के लिए माफी मांगता हूं। जिस सदस्य ने फाइलें दी थीं, उसने खुद को आरएसएस से जुड़ा हुआ बताया था।’बता दें, 3 नवंबर 2019 को सत्यपाल मलिक को गोवा का राज्यपाल बनाया गया था। 18 अगस्त 2020 को उन्हें गोवा से हटाकर मेघालय का राज्यपाल बनाया गया था। इससे पहले वह 23 अगस्त 2018 को जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल बने थे। इस पद पर वह 30 अक्टूबर 2019 तक रहे थे।