उत्तराखंडी भाषा सम्मेलन एवं बिजनेसउत्तरायणी संगोष्ठी का सफल आयोजन भव्य उत्तराखंड भवन नवी मुंबई में हुआ

राजू बोहरा / विशेष संवाददाता, लाइव न्यूज़ दिल्ली

वासी (नवी मुंबई) में शानदार और सफल आयोजन संपन्न हुआ जिसमें भारत के विभिन्न प्रदेशों से आए हुए प्रतिनिधियों ने उत्तराखंड के सरोकारों से जुड़े हुए अपने-अपने महत्वपूर्ण वक्तव्य रखे। तदनुपरांत उत्तराखंड के पारंपरिक और स्वादिष्ट भोजन का आनंद उठाते हुए सभी के द्वारा मुंबईकौथिग निरुल, रामलीला मैदान, नवी मुंबई के लिए प्रस्थान किया गया। कुछ सांस्कृतिक झलकियों के साथ कौथिग में आयोजित कवि_सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाले कवियों ने आयोजन को साहित्यिक रंग में रंगते हुए शमा बांधी।

नवी मुंबई स्थित वसी के उतराखंड भवन के सम्मेलन कक्ष में देव भूमि स्पोर्ट्स फाउंडेशन और उतराखंड राज्य विज्ञान और तकनीकी परिषद के संयुक्त तत्वावधान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रदेशों में काम करने वाले उत्तराखंड मूल के विद्वान, वैज्ञानिक, साहित्यकार, संगीतकार आदि क्षेत्रों के कई लोगों को शामिल किया गया। परिषद के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने देहरादून में देश की पांचवीं साइंस सिटी बनाने की जानकारी दी तथा सभी से पूल बनाकर सरकार के साथ काम करने की अपील की। जिसका सभी ने स्वागत किया। सभी ने आपसी सहयोग और मिलकर काम करने के समर्थन में अपने विचार रखें। उत्तराखंड का विकास कैसा हो उसका पर्यावरण, पर्यटन, जलवायु, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, हिमालयन क्षेत्र की जीवनदायिनी दवाइयों आदि पर चर्चा की गई।

भाषा के संबंध में उत्तराखंडी भाषा न्यास से डॉ. बिहारीलाल जलन्धरी ने कहा कि भाषा रोजगार का एक साधन है किंतु पिछले 24 वर्षों से भाषा के पक्ष में सरकार कुछ नहीं कर पाई। उन्होंने उतराखंड के लिए एक प्रतिनिधि भाषा पर काम करने की बात रखी । उन्होंने खड़ी बोली में कई लोकभाषाओं के शब्दों से युक्त साहित्यिक भाषा हिंदी के आरंभिक इतिहास के संबंध में बताया कि हमें भी उतराखंड की भाषा के लिए गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी आदि लोकभाषाओं के साहित्य को आधार मानकर काम करना चाहिए। हमें लोकभाषा और भाषा में अंतर को जानना चाहिए । गढ़वाली कुमाऊनी लोकभाषाएं हैं जिनपर व्याकरण के नियमों का प्रयोग नहीं किया जाता है। लोग स्वछंद रूप से ध्वन्यात्मक शब्दों का प्रयोग करते हैं। जिनके अर्थ का अनर्थ हो जाता हैं। उन्होंने उतराखंड के लिए व्याकरण सम्मत मानक भाषा की बात की। तथा इस पर सरकार को काम करने की आवश्यकता बताई। प्रो. पंत ने इस पर कहा कि यह एक गंभीर विषय है जो उतराखंड की एकरूपता के लिए आवश्यक है।

इस बैठक में शिरकत करने वालों में उत्तराखंड सरकार के प्रतिनिधि प्रो. दुर्गेश पंत के साथ भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के कई वैज्ञानिक व विद्वानों में डॉ सुधाकर थपलियाल, डॉ वीरेंद्र सिंह, डॉ ए. एस. डिमरी, डॉ जे. एस. बोरा, डॉ. गोविंद सिंह कापड़ी, डॉ भीम सिंह राठोर, पूजा नेगी, सुमित, डॉ दिनेश जोशी, डॉ ललित मोहन पंत, डॉ विजय वेणुगोपाल, डीआईजी रविन्द्र सिंह रौतेला, श्री प्रवीन सिंह ठाकुर, लखनऊ से श्रीमती सुषमा खर्कवाल, गणेश दत्त जोशी, बारहवीं फेल फिल्म की निर्माता श्रीमती श्रद्धा जोशी, भूपेन्द्र चंद, मोहन सिंह सेजवार, बी. के. सावंत, कल्याण सिंह, गोविंद सिंह, उत्तराखंडी भाषा न्यास (उभान्) से सर्वश्री नीलांबर पांडेय, डॉ बिहारीलाल जलन्धरी, चामू सिंह राणा, पृथ्वी सिंह केदारखंडी, सुल्तान सिंह तोमर ने भागीदारी की।

देवभूमि स्पोर्ट्स फाउंडेशन मुंबई द्वारा दिनांक 24 से 28 जनवरी तक नई मुंबई के नरूल में स्थित रामलीला मैदान में #मुंबई_कौथिग का भव्य एवं वृहद आयोजन किया गया। कौथिग में दिनांक 28 जनवरी को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मेला समिति के अध्यक्ष श्री हरि सिंह भाकुनी व स्पोर्ट्स फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री दीप चंद तथा वरिष्ठ समाजसेवी श्री चामू सिंह राणा तथा श्री प्रवीन सिंह ठाकुर ने अंगवस्त्र, बुके तथा प्रमाणपत्र देकर आमंत्रित कवियों को सम्मानित किया।

कवि सम्मेलन में 6 कवि मुंबई से, 2 कवि दिल्ली से, वसुंधरा गाजियाबाद, फरीदाबाद हरियाणा और उत्तराखंड से एक-एक आमंत्रित किए गए। उत्तराखंड से आमंत्रित कुमाऊनी भाषा की कवियत्री प्रोफेसर दीबा भट्ट, दिल्ली से उतराखंडी भाषा के साहित्यकार व कवि डॉ बिहारीलाल जलन्धरी, जौनसारी भाषा के कवि श्री सुल्तान सिंह तोमर, उत्तर प्रदेश से हिंदी/गढ़वाली भाषा के कवि श्री पृथ्वी सिंह केदारखंडी, फरीदाबाद हरियाणा से श्री नीरज बवाड़ी तथा मुंबई से डाॅ. राजेश्वर उनियाल, श्री राकेश पुंडीर, श्री रमेश गोदियाल, श्री कामेश बहुगुणा, श्री सुरेश काला, श्रीमती उषा गोदियाल आदि ने कविताओं के माध्यम से विभिन्न संदेश देते हुए सैंकड़ों लोगों को मंत्रमुग्ध किया। कवि सम्मेलन का कुशल संचालन नीरज बवाड़ी ने किया।

इस महोत्सव में उतराखंड सरकार में कबीना मंत्री श्री सुबोध उनियाल, डॉ धन सिंह रावत, लखनऊ की मेयर श्रीमती सुषमा खर्कवाल भट्ट तथा कूर्मांचल परिषद के अध्यक्ष श्री गणेश जोशी, उत्तराखंड सरकार में निदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत, बारहवीं फेल फिल्म की निर्माता आईपीएस श्रीमती श्रद्धा जोशी सहित कई विशिष्ट व्यक्तियों ने शिरकत की।

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