338 करोड़ की रहस्यमय राशि कहां से आई? अचानक फैसले वाले दिन
विधायक दिलीप पांडे MLA ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका ठुकराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर सवाल खड़े किए हैं. पांडे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत अर्जी खारिज करते हुए जो कारण गिनाए हैं, वह कहीं से तार्किक या न्यायपूर्ण नहीं लगता है. उच्चतम न्यायालय का फैसला हैरान करने वाला है.
कहां से आई रहस्यमयी राशि?
AAP विधायक दिलीप पांडे (MLA Dileep Pandey) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठना लाजिमी है. कोर्ट जिस 338 करोड़ रुपए की बात कर रहा है, उसका जिक्र न तो ईडी ने किया है और न तो सीबीआई (CBI) ने. फिर अचानक यह रहस्यमय राशि कहां से आ गई?
आम आदमी पार्टी के विधायक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट खुद अपनी सुनवाई के दौरान ईडी, सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों को कटघरे में खड़ा करता रहा है. 15 दिन उनसे तीखे सवाल पूछे. कोर्ट ने खुद कहा था कि सिसोदिया के खिलाफ मामला साबित करना मुश्किल होगा और पुख्ता तथ्य नहीं हैं. फिर अचानक जमानत याचिका की सुनवाई वाले दिन क्या हुआ की कोर्ट अपनी बात से पलट गया?
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क्या है 338 करोड़ का मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते कथित शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका ठुकरा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि मामले में अस्थायी तौर पर 338 करोड़ रुपये के ट्रांसफर की पुष्टि हुई है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना एवं न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की पीठ ने कहा था कि ‘विश्लेषण में कुछ ऐसे पहलू हैं जिन्हें हमने संदिग्ध बताया है, लेकिन 338 करोड़ रुपये के धन हस्तांतरण के संबंध में एक पहलू की अस्थायी रूप से पुष्टि हुई है’.
26 फरवरी से सलाखों के पीछे सिसोदिया
आपको बता दें कि सीबीआई ने दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को कथित शराब घोटाले में संदिग्ध भूमिका के आरोप में गिरफ्तार किया था. बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद 9 मार्च को सीबीआई की मनी लॉन्ड्रिंग केस में सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया. सिसोदिया, तब से सलाखों के पीछे हैं.
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