कलम से रखा एक्टिंग में कदम : जाहिद एम शाह

राजू बोहरा @ विशेष संवाददाता,लाइव न्यूज़ दिल्ली

डिश टीवी के वाचो ऐप की बहुत चर्चित वेब सीरीज “जौनपुर”से चर्चा में आए तय्यब कुरैशी एक्टर जाहिद शाह आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं,उनकी अभिनीत फीचर फिल्म ”द डेड एंड” और वेब सीरीज स्क्रैप जल्द ही रिलीज होने जा रही हैं। हाल ही में दिल्ली प्रवास के दौरान उनसे एक मुलाकात में खास बातचीत हुई।

सफल लेखन से अचानक अभिनय में कैसे कदम रखा आपने?

हा हा हा बहुत से लोगों का यही सवाल है,ऐसा नहीं है मै अचानक एक्टिंग में आ गया मेरी पृष्ठभूमि रंगमंच से है मेरे गुरु श्री रंजीत कपूर रहे जिन्होंने मुझे 1992 में एक टेलीफिल्म कव्वा चला हंस की चाल में दर्जी का रोल कराया था जिसके निर्माता (KBC फेम) सिद्धार्थ बासु थे।

मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश कैसे हुआ?

मै दिल्ली से हूं, दिल्ली मे 1990 से 2000 तक का दौर फिल्म और टेलीविजन का स्वर्ण समय था,दूरदर्शन के साथ सैटेलाइट चैनल आ चुके थे काम बहुत था हम भी व्यस्त थे,फिर अचानक 2000 में काम बंद हो गया और मैं मुम्बई आ गया,मुंबई में 1 साल बहुत पापड़ बेले,कहीं काम नहीं मिला,हौंसले पस्त होने लगे,उसी समय मुझे मेरे एक मित्र पवन सेठी मिले उन्होंने बताया कि दिलीप कुमार साहब को एक उर्दू राइटर चाहिए,चूंकि मैं उर्दू जानता था इसलिए मै दिलीप साहब के बंगले पहुंच गया और सायरा बानो जी को अपनी लिखी स्क्रिप्ट अल्लाह मेरी तौबा सुनाई,जो उन्हें और दिलीप साहब को बहुत पसंद आई बस फिर उसका निर्माण ई टीवी उर्दू के लिए शुरू हो गया जो बाद में ई टीवी का सबसे लोकप्रिय सीरियल साबित हुआ इस तरह दिलीप साहब ने मुझे फिल्म इंडस्ट्री में पहला अवसर दिया।वो ही मेरे गॉडफादर हैं फिल्म इंडस्ट्री में।

कला का क्षेत्र आपका शौक रहा या जुनून?

देखिए बहुत प्यारा और अनोखा सवाल किया आपने शुरू शुरू में तो यह मेरा शौक ही था उसके बाद फिर यह कैसे जुनून बनता चला गया और मैं कैसे आगे बढ़ता चला गया मुझे खुद मालूम नहीं है लेकिन किसी भी लक्ष्य को अचीव करने के लिए हमारे अंदर जुनून का होना बहुत जरूरी है।

अभी आपकी एक आने वाली वेब सीरीज स्क्रैप में निभाए चरित्र बाबा निरेश्वर महाराज की चर्चा हो रही है उसके बारे में कुछ बताइए?

यह राजनीति,धर्म और क्राइम पर आधारित वेब सीरीज है जिसकी निर्मात्री मनाली अग्रवाल सह निर्मात्री ज़ुबी निशा,निर्देशक गौरव प्रेम श्री और इसको राम पाटिल ने लिखा है और इसके डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी है मशहूर सिनेमेटोग्राफर जावेद एहतेशाम  इसमें में बाबा निरेश्वर का रोल कर रहा हूं,अभी बस मैं इतना ही बता सकता हूं,लेकिन मैं कह सकता हूं कि यह वेब सीरीज बहुत ही मनोरंजक है आपको देखने में मजा आयेगा।

आखिर सवाल अभी हाल ही में शाहरुख खान की पठान रिलीज हुए है,आपको दिलीप साहब और शाहरुख की फिल्म में क्या अंतर लगता है?

अब दिलीप साहब के बारे में बात करना तो बिल्कुल वैसा ही है जैसे आफताब को चिराग़ दिखाने वाली बात, शाहरुख खान साहब की भी बहुत बेहतरीन एक्टरों में उनकी गिनती होती है जब पीढ़ी चेंज होती है तो सोच भी चेंज होती है देखने वाले भी मुख्तलिफ हो जाते हैं बनाने वाले भी और नई सोच को लेकर के काम करने में कोई बुराई नहीं है आपने पूछा कि क्या अंतर है दिलीप साहब की और शाहरुख खान साहब की फिल्मों में,तो दिलीप साहब के ज़माने में संस्कार थे संस्कृति थी,समाज था आज की फिल्मों में शोर है शराबा है और अवास्तविकता है।

आपके आने वाले नए प्रोजेक्ट क्या हैं?
मै बहुत ज्यादा काम नही करता साल में दो या तीन ही प्रोजेक्ट करता हूं,दो बड़े फिल्म निर्माताओं के लिए अभी मै 2 वेब सीरीज और फीचर फिल्म लिख रहा हूं,जल्द ही उनका अनाउंसमेंट होने जा रहा है।

नई जेनरेशन के लिए कुछ कहना चाहेंगे?

साधना,संघर्ष और समय का सदुपयोग, हर समय मोबाइल पर ना लगे रहें हा हा हा जय सिनेमा।

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